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Doctor sahib



एमबीबीएस की डेग्री मिलते ही मेरी पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के एक गाओं में हो गयी गाँव'वासियों ने आप'ने जीवन में गाओं में पह'ली बार कोई डॉकटोर देखा था. इसके पहले गाओं नीम हाकीमों , ओझाओं और झार फूँक करनेवालों के हवाले था. जल्द ही गाओं के लोग एक भगवान की तरह मेरी पूजा कर'ने लग गाये रोज़ ही काफ़ी मरीज़ आते थे और मैं जल्दी ही गाँव की ज़िंदगी मैं बड़ा महटवा पूरण समझा जाने लगा. गाँव वाले अब सलाह के लिए भी मेरे पासस आने लगे. मैं भी किसी भी वक़्त माना नहीं करता था अपने मरीज़ों को आने के लिए

गाँव के बाहर मेरा बंगलोव था. इसी बंगलोव मैं मेरी दिस्पेन्सरी भी थी. गाँव मैं मेरे साल भर गुज़ारने के बाद की बात होगी ये. इस गाँव मैं लड़कियाँ और औरतें बड़ी सुंदर सुंदर थी. एईसी ही एक बहुत ख़ूबसूरत लड़की थी गाँव के मास्टेरजी की. नाम भी उसका था गोरी. सच कहूँ तो मेरा भी दिल उसपर आ गया था पैर होनी को कुच्छ और मंज़ूर था. गाँव के ठाकुर के बेटे का भी दिल उसपर आया और उनकी शादी हो गई. पैर जोड़ी बड़ी बेमेल थी. कहाँ गोरी, और कहाँ राजन.

राजन बड़ा सूखा सा मारियल सा लड़का था. मुझे तो उसके मर्द होने पैर भी शक़ था. और ये बात सच निकली क़रीब क़रीब. उनकी शादी के साल भर बाद एक दिन ठाकुरैईं मेरे घर पैर आई. उसने मुझे कहा की उसे बड़ी चिंता हो रही है की बहू को कुच्छ बक्चा वागेरह नहीं हो रहा. उसने मुझसे पूच्हा की क्या प्रोबलें हो सकता है लड़का बहू उसे कुच्छ बताते नहीं हैं और उसे शक है की बहू कहीं बाँझ तो नहीं.

मैने उसे धधास दिया और कहा की वो लड़का -बहू को मेरे पासस भेज दे तो मैं देख लूंगा की क्या प्रोबलें है उसने मुझसे आग्रह किया मैं ये बात गुप्त रखून, घर की इज़्ज़त का मामला है फिर एक रात क़रीब शाम को वे दोनो आए. रज़्ज़ान और उसकी बहू. देखते ही लगता था की बेचारी गोरी के साथ बड़ा अनायाय हुआ है कहाँ वो लंबी, लचीली एकदम गोरी लड़की. भरे पूरे बदन की बाला की ख़ूबसोरत लड़की और कहाँ वो राजन, कला कालूटा मारियल सा. मुझे राजन की किस्मत पैर बड़ा रंज हुआ. वे धीरे धीरे अक्सर इलाज कारवाने मेरे क्लिनिक पैर आने लगे और साथ साथ मुझसे खुलते गाये राजन बड़ा नरम दिल इंसान था. अपनी बाला की ख़ूबसूरत बीवी को ज़रा सा भी दुख देना उसे मंज़ूर ना था.

उसने दबी ज़ुबान से स्वीकार किया एक दिन की अभी तक वो अपनी बीवी को छोड़ नहीं पाया है मैं समझ गया की क्यों बच्चा नहीं हो रहा है जब गोरी अभी तक वीर्गिन ही है तो, सहसा मेरे मान मैं एक ख़याल आया और मुझे मेरी दबी हुई हसरत पूरी करने का एक हसीं मौक़ा दिखा. गोरी का कौमार्या लूटने का. दरअसल जब जब राजन गोरी के सुंदर नंगे जिस्म को देखता था अपने उपर काबू नहीं रख पता था और इस'से पहले की गोरी सेक्श के लिए तैयार हो राजन उसपर टूट पड़ता था.

नतीजा ये की लंड घुसाने की कोशिश करता था तो गोरी दर्द से चिल्लाने लगती थी और गोरी को ये सब बड़ा तकलीफ़ वाला मालूम होता था. उसे चिल्लाते देख बेचारा राजन सब्र कर लेता था फिर. दूसरे राजन इतना कुरुप सा था की उसे देख कर गोरी बुझ सी जाती थी. सारी समयसा जानने के बाद मैने अपना जाल बिच्छाया. मैने एक दिन ठाकुरैईं और राजन को बुलाया. उनहइन बताया की ख़राबी उनके बेटे मैं नहीं बल्कि बहू मैं है और उसका इलाज करना होगा. छ्होटा सा ओपेरातिओं. बस बहू ठीक हो जाएगी. बुधिया तो खुस हो गयी पैर बेटे ने बाद मैं पूच्हा,

डॉकटोर साहब. आख़िर क्या ओपेरातिओं करना होगा?

हाँ राजन तुम्छैइन बताना ज़रूरी है नहीं तो बाद मैं तुम कुच्छ और सम'झोगे.

हाँ हाँ बोलीए ना डॉकटोर साहब. देखो राजन. तुम्हारी बीवी का गुप्ताँग तोड़ा सा खोलना होगा ओपेरातिओं करके. तभी तुम उस'से संभोग कर पाऊगे और वो माँ बन सकेगी. क्या? पैर क्या ये ओपेरातिओं आप करेंगे. मतलब मेरी बीवी को आपके सामने नंगा लेतना पड़ेगा? हाँ ये मजबूरी तो है पैर तुम तभी उसकी जवानी का मज़ा लूट पऊगे! वरना सोच लो यूँ ही तुम्हारी उमर निकल जाएगी और वो कुँवारी ही रहेगी. तो क्या आप जानते हैं ये सब बात. वह भॉंचाक्का सा बोला. हाँ! ठाकुरैईं ने मुझे सारी बात बता दी थी. अब वो नरम पद गया. प्लेआसए डॉकटोर साहब. कुच्छ भी कीजिए. चाहेओपेरातिओं कीजिए चाहे जो जी आए कीजिए पैर कुच्छ एसा कीजिए की मैं उसके साथ वो सब कर सकूँ और हमारा आँगन बच्चे की किलकरी से गूँज उठे. वरना मैं तो गाँव मैं मुँह नहीं दिखा सकूंगा किसी को. खंडन की इज़्ज़त का मामला है डॉकटोर साहब. उसने हाथ जोड़ लिए ठीक है घबरओ नहीं. बहू को मेरे क्लिनिक मैं भारती कर दो. दो चार दिन मैं जब वो ठीक हो जाएगी तो घर आ जाएगी. जब तुम गाँव वापस आओगे तो बस फिर बहू के साथ मौज करना. ठीक है डॉकटोर साहब. मेरे आने तक ठीक हो जाएगी तो मैं आपका बड़ा उपकर मानूंगा. और इस तरह गोरी मेरे घर पैर आ गई. कुच्छ दीनो के लिए शिकार जाल मैं था बस अब. करने की बारी थी. गोरी अच्छी मिलंसार थी. खुल सी गई थी मुझसे. पैर जब वो सामने होती थी अपने उपर कबो रखना मुश्किल हो जाता था. बाला की कंसिन थी वो जवानी जैसे फूट फूट कर भारी थी उसके बदन मैं पैर मैं ज़ब्त किए था. मौक़ा देख रहा था. महीनों से कोई लड़की मेरे साथ नहीं सोई थी. लंड था की नारी बदन देखते ही खड़ा हो जाता था. डूसरी प्रोबलें ये थी मेरे साथ की मेरा लंड बहुत बड़ा है जब वो पूरी तरह खड़ा होता है तो क़रीब लंबा होता है और उसका हेअड़ का दिया का हो जाता है जैसे की एक लाल बड़ा सा टमाटेर हो. और पीच्े लंबा सा , पत्थर की तरह कड़ा एकड्म सीधा लंबा सा खीरे जैसा मोटा सा लंड!

गोरी को मेरे घर आए एक दिन बीत चुका था. पीच्'ली रात तो मैने किसी तरह गुज़ार दी पैर डूस'रे दिन बढ़हवास सा हो गया और मुझे लगा की अब मुझे गोरी चाहिए वरना कहीं मैं उस'से बलात्कार ना कर बैठून. एआईसी सुंदर कामनिया काया मेरे ही घर मैं और मैं प्यासा. रात्री भोजन के बाद मैने गोरी से कहा की मुझे उस'से कुच्छ ख़ास बातें करनी हैं उसके कसे के बारे मैं क्लिनिक बंद करके मैने उस'से कहा की वो अंदर मेरे घर मैं आ जाए. गाँव की एक वधू की तरह वो मेरे सामने बैठी थी. एक भरपूर नज़र मैने उसपर डाली. उसने नज़रें झुका ली. आब मैने बेरोक टॉक उसके जिस्म को आपनी नज़रों से टोला. उफ़्फ़्फ़्फ़ कपड़ों मैं लिपटी हुई भी वो कितनी काम वासना जगाने वाली थी. देखो गोरी मैं जनता हूँ की जो बातें मैं तुमसे करने जा रहा हूँ वो मुझे तुम्हारे पति की अनुपस्थिति मैं शायद नहीं करनी चाहिए, पैर तुम्हारे कसे को समझने के लिए और इलाज के लिए मेरा जान ज़रूरी है और अकेले मैं मुझे लगता है की तुम सच सच बताओगी. मैं जो पूछूँ उसका ठीक ठीक जवाब देना. तुम्हारे पति ने मुझे सब बताया है और उसने ये भी बताया है की क्यों तुम दोनो का बचा नहीं हो रहा. क्या बताया उन्ोंने डॉकटोर साहब? राजन कहता है की तुम माँ बनने के काबिल ही नहीं हो. वो तो डॉकटोर साहब वो मुझसे भी कहते हैं और जब मैं नहीं मानती तो उन्होने मुझे मारा भी है एक दो बार. तो तुम्छैइन क्या लगता है की तुम माँ बन सकती हो?


हाँ डॉकटोर साहब. मेरे मैं कोई कमी नहीं. मैं बन सकती हूँ. तो क्या राजन मैं कुच्छ ख़राबी है हाँ डॉकटोर साहब. क्या? साहब वो. वो. उनसे होता नहीं. क्या नहीं होता राजन से. वो साहब. वो. हाँ. हाँ. बोलो गोरी. देखो मुझसे कुच्छ छ्छूपाओ मत. मैं डॉकटोर हूँ और डॉकटोर से कुच्छ छ्छुपाना नहीं चाहिए. डॉकटोर साहब. मुझे शरम आती है कहते हुए. आप पराए मर्द हैं ना. मैं उठा. कमरे का दरवाज़ा बंद करके खिड़की मैं भी चिटकनी लगा के मैने कहा, लो अब मेरे अलावा कोई सुन भी नहीं सकता. और मुझसे तो शरमाओ मत. हो सकता है तुम्हारा इलाज करने के लिए मुझे तुम्छैइन नंगा भी करना पड़े. तुम्हारी सास और पति से भी मैने कह दिया है और उन्होने कहा है की मैं कुच्छ भी करूँ पैर उनके खंडन को बच्चा दे दूं. इसलिए मुझसे मत शरमाओ. डॉकटोर साहब वो मेरे साथ कुच्छ कर नहीं पाते.

क्या? मैने अनजान बन हुए कहा. मुझे गोरी से बात कर'ने में बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं उस आल्र गाँव की युवती को कुच्छ भी कर'ने से पह'ले पूरा खोल लेना चाह'ता था. वो. वो मेरे साथ मेरी योनी मैं दल नहीं पाते. ऊहू. यूँ कहो ना की वो मेरे साथ संभोग नहीं कर पाते. हाँ. राजन कह रहा था. की तुम्हारी योनी बहुत संकरी है तो क्या आजतक उसने ख़भी भी तुम्हारी योनी मैं नहीं घुसाया? नहीं डॉकटोर साहब. नज़र झुकाए ही वो बोली. तो क्या तुम अभी तक कुँवारी ही हो. तुम्हारी शादी को तो साल ब्भर से ज़्यादा हो चुका है हाँ साहब. वो कर ही नहीं सकते. मैं तो तड़प'टी ही रह जाती हूँ. यह कह'ते कह'ते गोरी रूवांसी हो उठी.
पैर वो तो कहता है की तुम सह नहीं पति हो. और चीखने लगती हो. चीलाने लगती हो. साहब वो तो हैर लड़की पहली बार. पैर मरद को चाहिए की वो एक ना सुने और अपना काम करता रहे. पैर ये तो कर ही नहीं सकते इनके उस्मैन ताक़त ही नहीं हैं इतनी. सूखे से तो हैं पैर वो तो कहता है की तुमको संभोग की इकचह्चा ही नहीं होती. झूठ बोलते हैं साहब. किस लड़की की इकचह्चा नहीं होती की कोई बलीष्ट मरद आए और उसे लूट ले पैर उनहइन देख कर मेरी सारी इकचह्चा ख़तम हो जाती है पैर गोरी मैने तो उसका. काम अंग देखा है ठीक ही है वो संभोग कर तो सकता है कहीं तुम्हारी योनी मैं ही तो कुच्छ समस्या नहीं.

नहीं साहब नहीं. आप उनकी बातों मैं ना आइए पहले तो हमेशा मेरे आगे पीच्े घूमते थे. की मुझसे सुंदर गाँव मैं कोई नहीं. और अब. वो सुबकने लगी आप ही बताइए डॉकटोर साहब.
मैं शादी के एक साल बाद भी कुवनरी हूँ. और फिर भी उस घर मैं सभी मुझे ताना मरते हैं अरे नहीं गोरी. मैने प्यार से उसके सर पैर हाथ फेरा. अच्छा मैं सब ठीक कर दूँगा. अच्छा चलो यहाँ बिस्तर पैर लेट जाओ. मुझे तुम्हारा चेक्क उप करना है क्या देखेंगे डॉकटोर साहब? तुम्हारे बदन का इंस्पेक्टीओं तो करना होगा. जीीई.? उपर से ही देख लीजिए ना डॉकटोर साहब. जो देखना है उपर से तो तुम बहुत ख़ूबसोरत लगती हो. एकदम काम की देवी. तुम्छैइन देख कर तो कोई भी मर्द पागल हो जय. फिर मुझे देखना ये है की आज तक तुम कुवनरी कैसे हो. चलो लेटो बिस्तर पैर और सारी उतारू. जजाजज्ज़िईइ. डॉकटोर साहब. मैं मैं मुझे शरम आती है

डॉकटोर से शरमाओगी तो इलाज कैसे होगा? वो लेट गयी मैने उसे सारी उतरने मैं मदद की. एक ख़ूबसोरत जिस्म मेरे सामने सिर्फ़ ब्लौसे और पेतिक्ॉत मैं था. लेता हुआ वो भी मेरे बिस्तर पैर मेरे लंड मैं हलचल होने लगी मैने उसका पेतिक्ॉत तोड़ा उपर को सरकाया और अपना एक हाथ उंदार डाला. वो उंदार नंगी थी. एक उंगली से उसकी छूट को सहलया. वो सिसकी. और आपनी झांघाओं से मेरे हाथ पैर हल्का सा दबाव डाला. उसकी छूट के होंट बड़े तिघ्ट थे. मैने दरार पैर उंगली घूमने के बाद अचानक उंगली उंदार घुसा दी. वो उच्चली. हल्की सी. एक सिसकरी उसके होंठों से निकली. थोड़ी मुश्किल के बाद उंगली तो घुसी. फिर मैने उंगली थोड़ी उंदार भहर की. वो भी साल भर से तड़प रही थी. मेरी इस हरकत ने उसे तोड़ा गर्मी दे दी. इसी बीच एक उंगली से उसे छोड़ते हुए मैने बाक़ी उंगलियाँ उसकी छूट से गांड के छ्छेद तक के रास्ते पैर फिरनी सुरू कर दी थी.

कैसा महसूस हो रहा है अच्छा लग रहा है हाँ डॉकटोर साहब. तुम्हारा पति ऐसा करता था. तुम्हारी योनी मैं इस तरह अंगुल डाल'ता था? नााअःह्छिईन्न्न. डॉक्कत्तूऊओर्र्र स्ससाहाअबबब. गोरी अब छ्त्पटाने लगी थी. उसकी आँखें लाल हो उठी थी. अगर तुम्हारे साथ संभोग करने से पहले तुम्हारा पति ऐसा करे तो तुम्छैइन आकचा लगेगा? हांणन्ं. वे तो कुच्छ जान'ते ही नहीं और सारा दोष मेरे माथे पैर ही मढ़ रहे हैं अगली बार जब अपने पति के पास जाना तो यहाँ. योनी पैर एक भी बल नहीं रखना. तुम्हारे पति को बहुत अकचा लगेगा. और वो ज़रूर तुम पैर चढ़ेगा. आकचा डॉकटोर साहब. जाओ उधर बाथरूम मैं सब काट कर आओ. वहा राजोर रखा है जानती हो ना. कैसे करना है संभोग कर'ने से पह'ले इसे सज़ा कर आप'ने पति के साम'ने कर'ना चाहिए. मैने गोरी की छूट को खोद'ते हुए उस'की आँखों में आँखें डाल कहा. हाँ. डॉकटोर साहब. लेकिन उन्होने तो कभी भी मुझे बाल साफ़ कर'ने के लिए नहीं कहा. गोरी ने धीरे से कहा. वो गई और थोड़ी देर मैं वापस मेरे बेडरूम मैं आ गई. हो गया. तो तुम्हें राज़ोर इस्तेमाल करना आता है कहीं उस नाज़ुक जगह को काट तो नहीं बैठी हो? मैने पूछा. जी जी कर दिया. शादी से पहले मैने काई बार राज़ोर पह'ले भी इस्तेमाल किया है

अच्छा आओ फिर यहाँ लेट जाओ. वो आई और लेट गई. फ़िछली बार से इस बार प्रतिरोध काम था. मैने उसके पेतिक्ॉत का नडा पकड़ा और खींचना सुरू किया. पेतिक्ॉत खुल गया. उसकी कमर मुश्किल से 18-19 इंच रही होगी. और हिप्स सीज़े क़रीब. 37 इनचेस. झांघाओं पैर ख़ूब झांघाओंमानसलता थी. गोलाई और मादकटा. विशाल पुत्ते. इस सुंदर कमुक दृश्या ने मेरा स्वागत किया. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. डॉकटोर साहब. ये क्या कर रहे हैं आप तो मुझे नंगी कर रहे हैं

अरे देख तो लूं तुमने बल ठीक से साफ़ किए भी की नहीं. और बल काटने के बाद वहाँ पैर एक क्र्ेअँ भी लगनी है अब इस'से पहले वो कुच्छ बोलती. मैने उसका पेतिक्ॉत घुटनों से नीचे तक खींच लिया था. आती सुंदर. बाला की कमुक. तुम बहुत ख़ूबसोरत हो गोरी. मैने तोड़ा साहस के साथ कह डाला. उसकी तारीफ़ ने उसके हाथों के ज़ोर को तोड़ा काम कर दिया. और उसका फ़ायदा उठाते हुए मैने पूरा पेतिक्ॉत खींच डाला और दूर कुर्सी पैर फेंक दिया. यक़ीन मानिए एसा लगा की अभी उसपर चढ़ जाओं. वो पतला सपाट पेट. छ्छोटी सी कमर पैर वो विशाल नितंब. वो तिघ्ट वेणुस मौंत. सिर्फ़ एक ब्लौसे पीएसए मैं रह गया था उसका बदन. भरपूर नज़रों से देखा मैने उसका बदन. उसने शरम के मारे अपनी आँखों पैर हाथ रख लिया और तुरंत पेट के बल हो गयी ताकि मैं उस'की छूट न देख सकूँ. शायद छूट दिखाने मैं शर्मा रही थी. ज़रा पल्टो गोरी. शरम नहीं कर'ते फिर तुम इट'नी सुंदर हो की तुम्हें तो आप'ने इस मस्त बदन पैर गर्व होना चाहिए. नहीं डॉकटोर साहब. पराए मर्द के साम'ने मे मुझे बहुत शरम आ रही है पल्टो ना गोरी. कहकर मैने उसके पुत्तों पैर हाथ रखा और बल पूर्वक उसे पलटा. दो कुऊबसूरत झांघाओं के बीच मैं वो कुँवारी छूट चमक उठी. गोनों गोरे. दोनों छूट की पंखुड़ियान फड़क सी रही थी. शायद उन्होने भाँप लिया था की किसी मस्त से लंड को उनकी खूसबू लग गई है उसकी छूट पैर थोड़ी सी लाली भी च्हाई थी.

इधर मेरे लंड मैं भूचाल सा आ रहा था. और मेरे उंडेर्वेआर के लिए मेरे लंड को कॉंट्रोल मैं रखना मुश्किल सा हो रहा था. फिर भी मेरे तिघ्ट उंडेर्वेआर ने मेरे लंड को छ्िपा रखा था. आब मैने उसकी छूट पैर उंगलिया फिराई और पूछा. गोरी क्या राजन. टूमैन यहाँ पैर मेरा मतलब तुम्हारी योनी पैर चूंता है नहीं साहब. यहाँ छ्ही यहाँ कैसे छूमेंगे? तुम्हारे इन पुत्तों पैर मैने उसके बुमस पैर हाथ रख कर पूच्हा. नहीं डॉकटोर साहब आप कैसी बातें कर रहे हैं अब उसकी आवाज़ मैं एक नशा एक मादकाता सी आ गई थी. छुड़ने के लिए तैयार एक गरम युवती की सी. वो कहाँ कहाँ चुंता है तुम्छैइन? जी. यहाँ पैर उसने आपने चूची की तरफ़. इशारा किया. जो इस गरम होते माहौल की खुसबू से सीज़े मैं काफ़ी बड़े हो गाये थे और लगता था की जल्दी उनको बाहर नहीं निकाला तो ब्लौसे फट जाएगा. उसने कोई ब्रा भी नहीं पहनी थी.

मैं बिस्तर पैर चढ़ गया मैने दोनो हथेलियँ उसके दोनो मूम्मों पैर रखी और उनहइन कमुक आंदज़ मैं मसलना सुरू किया. वो तड़पने लगी डॉकटोररर्र. स्सााहहाब. क्या कर रहैईन है आप. यह कैसा इलाज आप कर रहे हैं कैसा लग रहा है गोरी? मुझे अचची तरह से देख'ना होगा की राजन ठीक कहता है या नहीं. वह कहता है तुम हाथ लगाते ही ऐसे चीख'ने लग जाती हो. बहुत आच्छा लग रहा है साहब. पैर आप से यह सब कर'वाना क्या अचची बात है और डाबऊं? मैने गोरी की बातों पैर कोई ध्यान नहीं दिया और उसकी मस्त चूचियाँ दबानी जारी रखी. हाँ. आप'का इनको हल्के हल्के दबाना बहुत अचच्ा लग रहा है राजन भी ऐसे ही मसलता है तेरे इन ख़ूबसोरत स्तनों को. नहीं साहब आपके हाथों मैं मर्दानी पकड़ है मैने उसे कमर से पकड़ कर उठा लिया. बूब्स के भर से अचानक उसका ब्लौसे फट गया. और वो कसे कसे दूध बाहर को उछाल कर आ गाये वह क्या ख़ूबसूरत कमुक आपसरा बैठी थी मेरे सामने एकदम नग्न. 36-18-37 एकदम दूध की तरह गोरी. बाला की कंसिन. मुझसे रुकना मुश्किल हो रहा था.

आब मैने बलात उसके मुख को पकड़ उसके हूंतो को चूसना सुरू कर दिया. इस'से पहले वो कुच्छ समझ पति उसके होंठ मेरे होंठो को जकड़ मैं थे. मेरे एक हाथ ने उसके पूरे बदन को मेरे शरीर से छिपता लिया था. और दूसरे हाथ ने ज़बरदस्ती. उसकी झांघाओं के बीच से जगह बना कर उसके गुप्ताँग मैं उंगली डाल दी थी. उसके क्लटोरिस पैर मैने ज़बरदस्त मसाज़ की. उसके पूत्ते उठाने लगे थे. वो मतवाली हो उठी थी. मैने हूंतो को चूमा. कभी राजन ने इस तरह किया तेरे साथ सच कहना गोरी? नहीं डॉकटोर साहब. वह तो सीधे उपर चढ़ जाते हैं और थोड़ी देर हिल'के सुस्त पद जाते हैं यही तो मुझे देख'ना है गोरी. राजन कह रहा था तुम चिल्लाने लग जाती हो? बहुत अकचा. पैर अब. जाँच पड़ताल ख़तम हो गई क्या डॉकटोर साहब? आप और क्या क्या करेंगे मेरे साथ

आब मैं वही करूँगा जो एक जवान शक्तिसालि मरद को, एक सुंदर कमुक ख़ूबसोरत बदन वाली जवान युवती, जो बिस्तर पैर नंगी पड़ी हो, के साथ करना चाहिए. तेरा बदन वैसे भी एक साल से तड़प रहा है तेरा कौमार्या टूटने के लिए बेताब है और आज ये मर्दाना काम. मेरा काम आंग करेगा रात भर इस बिस्तर पैर मेरी उंगली जो अभी भी उसकी छूट मैं थी. ने अचानक एक जालजाला सा महसूस किया. ये उसका योनी रस था. जो योनी को संभोग के लिए तैयार होने मैं मदद करता है मेरी उंगली पूरी भीग गई थी और रस छूट के बाहर बहकर झांघाऊँ को भी भिगो रहा था. मेरी बात सुनकर उसके बदन मैं एक तड़प सी हुई छूतर उपर को उठे और उसके मूँह से एक सिसकी भारी चीख निकल पड़ी. बाद मैं तोड़ा सन्यत होकर गोरी बोली. डॉकटोर साहब. पैर इससे मैं रुसवा हो जाओंगी. मेरा मर्द मुझे घर से निकल देगा यदि उसे पता चला की मैं आप के साथ सोई थी. आप मुझे जाने दीजिए. मुझे माफ़ केजीए.

तू मुझे मरद समझती है तो मुझ पैर भरोसा रख. मैं आज तुझे भरपूर जवानी का सुख ही नहीं दूँगा. बल्कि तुझे हैर मुसीबत से बचाऊंगा. तेरा मरद तुझे और भी ख़ुशी ख़ुशी रखेगा. वो कैसे डॉकटोर साहब?

क्योंकि आज के बाद जब वो तुझ पैर चढ़ेगा वो तेरे साथ संभोग कर सकेगा. जो काम वो आजतक नहीं कर पाया तुम दोनो की शादी के बाद आब कर सकेगा. और तब तू उसके बच्चे की माँ भी बन जाएगी. पैर कैसे डॉकटोर साहब. कैसे होगा ये चमत्कार. साहब? गोरी. प्यारी. मैने उसकी फटी चोली अलग करते हुए और उसके बूब्स को मसलना सुरू करते हुई कहा. तेरी योनी का द्वार बंद है उसे आज मैं आपने प्रचंद भीषण लंड से खोल दूँगा ताकि तेरा पति फिर आपना लंड उस्मैन घुसा सके और आपना वीरया उस्मैन डाल सके जिससे तू माँ बन सकेगी. मेरे मसलने से उसके बूब्स बड़े बड़े होने लगे थे और कठोर भी. उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़. क्या लगती थी वो आपनी पूरी नग्नता मैं उन सॉलीद बूब्स पैर वो गोल छ्छोटी चुचिया भी बहुत बेचेन कर रही थी मुझे. उसका पूरा बदन आब बुरी तरह तड़प रहा था. नशीले बदन पैर पसीने की हल्की छ्छोटी बूँदें भी उभर आई थी. मेरा लंड बहुत ही तूफ़ानी हो रहा था और आब उसके आज़ाद होने का वक़्त आ गया था.

डॉकटोर साहब मुझे बहुत दर लग रहा है मेरी इज़्ज़त से मत खेलिए ना. जाने दीजिए. मेरा बदन. उईइमाा. मुझ पैर यक़ीन करो गोरी. ये एक मरद का वादा है तुझसे. मैं सब देख लूंगा. तेरा बदन तड़प रहा है गोरी. एक मरद के लिए तेरी छूट का बहता पानी. तेरे कसते होइ बूब्स साफ़ कह रहे हैं की आब तुझे संभोग चाहिए. साहब. हाँ. गोरी मेरी रानी. बोल. मैं माँ बनूँगी ना. हाँ. मेरा मरद मुझे आपने साथ रख लेगा ना. मुझे मरेगा तो नहीं ना. हाँ. गोरी. तू बिल्कुल चिंता ना कर.. तो साहब फिर आपनी फ़ीस ले लो आज रात. मेरी जवानी आपकी है ओह. मेरी गोरी. आ. जाअ. और हम दोनो फिर लिपट गाये मेरा लंड विशाल हो उठा. डॉकटोर साहब बहुत प्यासी हूँ. आज तक किसी मर्द ने नहीं सीनचा मुझे. मेरे टन बदन की आग बुझा दो साहब..

तो फिर आ मेरी झांघाऊँ पैर रख दे अपने छूत्टर और लिप्त जा मेरे बदन से. थोड़ी देर बाद मेरे हाथ मेरी कमीज़ के बटनो से खेल रहे थे. कमीज़ उतरी. फिर मेरी पंत. गोरी की नज़र मेरे बदन को घूर रही थी. मेरा उंडेर्वेआर इससे पहले फट जाता मैने उसे उतर डाला. और फिर ज्यों ही मैं सीधा हुआ. मेरे लंड ने आपनी पूरी ख़ूबसोराती से अपने शिकार को पूरा तनकर उठाकर सलाम किया. आपने पूरी लंबाई और बड़े टमाटेर जीतने लाल हेअड़ के साथ गोरी बड़े ज़ोर से चीखी. और बिस्तर से उठकर नंगी ही दरवाज़े की तरफ़ भागी. क्या हुआ गोरी? मैं घबरा गया. मैं ताना हुआ लंड लेकर उसकी तरफ़ दौड़ा. नही मुझे कुच्छ भी नहीं कर'वाना. नहीईए मुझ... मुझे जाअ.... जाने दो.गोरी फिर चीखी. क्या हुआ गोरी? लेकिन मैं उसकी तरफ़ बदता ही रहा. साहब आपका ये लू. लूंनद. ये लंड तो बहुत बड़ा और मोटा है ब्ब्बापप्ररीए बाप. यह तो गढ़े के जैसा है नहीं यह तो मुझे चीर देगा. आओ गोरी. घबराऊ मत. असली मोटे और मज़बूत लंड ही योनी को चीर पाते हैं गौर से देखो इसे छ्ूकर देखो. इस'से प्यार करो और फिर देखो ये तुम्छैइन कीत'ना पागल कर देगा. डॉकटोर साहब. है तो बड़ा ही प्यारा. और बेहद सुंदर मुस्तांद सा. मेरा तो देखते ही इसे चूमने का मान कर रहा है उुुफ़्फ़्फ़्फ़. कितना बड़ा है पैर साहब ये मेरी छूट मैं कैसे घुस पाएगा इतना मोटा. मैं तो मार जाऊंगी. राजन का लंड तो इसके सामने बहुत छ्होटा है जब वो ही नहीं जाता तो. ये कैसे.

यही तो मरद की संभोग कला कौशूल होता है मेरी रानी. छूट खोलना और उसे ढंग से छोड़ना. हैर मरद के बस की बात नहीं. वो भी तेरी छूट जैसी. कुँवारी. क़रारी. तू दर मत सुरू मैं तोड़ा सह लेना बस फिर देखना तू छुड़वते छुड़वते तक जाएगी पैर तेरा मान नहीं भरेगा. चल अब आ जा मेरी जान. अब और सहा नहीं जा रहा. मेरे लंड से खेलो मेरी राअनीए. कह कर मैने उसे उठा लिया बाहों मैं और बिस्तर पैर लिटा दिया. उसकी छूट ही नहीं बल्कि घुटनों तक झांघा भी भीग चुकी थी. बूब्स एकदम सॉलीद और बड़े बड़े हो गाये थे. साँस के साथ उपर नीचे. साँस ज़ोर ज़ोर से चल रही थी.

मैं बिस्तर पैर चढ़ा और उसके पाएत पैर बैठ गया. उन्नत उठे बूब्स के बीच मैं मैने आपने लंबे खड़े लंड तो बिता दिया और दोनो बूब्स हथेली से दबा दिए मेरा लंड बूब्स के बीच मैं फंस गया. उंगलियों से बूब्स के निपपले रग़दते हुए मैं बूब्स को मसलने लगा और लंड से उसके सनकरे क्लेवागे को फुक्क़ करने लगा. उप स्टरोके मैं लंड का लाल हेअड़ नंगा होकर उसके लिप्स से तौछ करता और डॉवन स्टरोके मैं वल्ले की छुड़ाई. उटेजना मैं आकर गोरी ने ज्यों ही चिल्लाने के लिए लिप्स खोले ही थे की मेरे लंड का हेअड़ उस्मैन जाकर अटक गया और वो गो. गो. गू. गूओ. की आवाज़ करने लगी

मैने और ज़ोर लगाया उपर को तो लगभग आगे से 2 -3 इंच लंड उसके मुँह मैं घुस गया. थोड़ी देर की कशमकश के बाद मोटिओं सेट हो गया. और मैं मोटिओं स्वर्ग मैं था. लंड ने स्पीड पकड़ ली थी. गोरी के मुँह भी हेअड़ को मस्त चुस रहा था. और शाफ़्ट उंदार तक जा कर उसके गले तक हित कर रही थी. बूओब्स बड़े विशाल हो गाये थे. आब मैं हल्का सा उठ कर आगे को सरका और गोरी के बूब्स पैर बैठ गया.
और मैने जितना पोससीब्ले था लंड उसके मुँह मैं घुसा दिया. मेरी झांघाओं के बीच कसा उसका पूरा बदन मोटिओं बिना पानी की मच्लई की तरह तड़प रहा था.

थोड़ी देर के बाद मैने लंड को निकाला और आब गोरी ने मेरे दोनो एग्गस बराबर टेस्टीकलेस को चटना सुरू किया. बीच मई वो पूरे एक फूट लंबे लंड पैर आपनी जीभ फिरती तो कभी सूपदे को छत लेती. थोड़ी देर के बाद मैने 69 की पॉसीटिओं ले ली तो उसे मेरे काम आंगो और आस पास के अरेआ की पूरी अक्सेस्स मिल गई अब वो मेरे छूत्टर भी चटने लगी मैने भी गांड का छ्छेद उसके मुँह पैर रख दिया. उसने बड़े प्यार से मेरे छूत्टर को हाथों मैं लिया और मेरी गांड के छ्छेद पैर जीभ से चटा. इस बीच मैने भी उसकी छूट को आपनी जीभ से चटा और छोड़ा. पैर वाक़ई उसकी छूट बड़ी कसी थी जीभ तक भी नहीं घुस पा रही थी
उस मैं एक बार तो मुझे भी लगा की कहीं वो मार ना जाई मेरा लंड घुस्वते समाया. फिर मैने उसे पलटा कर के उसके बड़े बड़े गोल गोल छूत्टर भी चुसे और छाटे. आब गोरी बड़े ज़ोर ज़ोर से सिसकरी भर रही थी और बीच बीच मैं चिल्ला भी उठति थी. वो मेरे लंड को दोनो हाथों से पकड़े हुए थी और आब काफ़ी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी. डॉकटोर साहब. छोड़ दो मुझे. चढ़ जाओ मेरे उपर. घुसा दो डॉकटोर साहब. दया करो मेरे उपर. नहीं तो मैं मार जाऊंगी. चाहे मैं मार ही जाओं पैर अपना ये मोटा सा लोहे का रोड मेरे उंदार डाल दो. देखो साहब मेरी कैसी लाल हो गई है गरम होकर. इसकी आग ठंडी कर दो साहब आपने हतोड़े से. वह क्या मर्दाना मस्त लंड है डॉकटोर साहब आपका. कोई भी लड़की देखते ही मतवाली हो जै और अपने कपड़े खोलकर आपके बिस्तर पैर लेट जै आओ साहब आ जाओ घुसा दो. उुुफ़्फ़्फ़्फ़्फ़.

मेरा लंड भी आब कमउक्ता की सारी हदें पैर कर चुका था. मैं उसकी टांगों के बीच मैं बैठा और उसकी टांगों को हवा मैं व शापे की तरह पूरी खोल कर उठाया और फिर उसकी कमर पकड़ उसकी छूट पैर अपने लौड़े को रखा और आहिस्ता से पैर ज़रा कस कर दबाया. छूट इतनी लुबरिकाटेड थी की लंड का हेअड़ तो घुस ही गया. आह. मरगगा. !! मैं मार गई. डॉकतूर्रर स्साहह्हहाआबबब. घबराऊ नहीं मेरी जान. और मैने लंड को हाथ से पकड़ तोड़ा और घुसाया. वो मुझे ढाका देने लगी वो चिल्ला भी रही थी दर्द के मारे. तब मैने उसे ज़बरदस्ती नीचे पटक्कर. उसपर लाते गया. अपनी छ्हात्ती से उसके बूब्स को मसलते मसलते आधे घुसे लंड को एक ज़बरदस्त शॉट मारा. वो इतनी ज़ोर से चीखी मोटिओं किसी ने मार ही डाला हो. उसका शरीर भी तड़प उठा. और उसने मुझे कस कर जकड़ भी लिया था. मेरे लंड का क़रीब 7 इंच उंदार घुसा हुआ था. और शायद उसकी कौमार्या की झिल्ली जो तनी हुई थी और अभी फ़ात्नी बाक़ी थी. थोड़ी देर बाद जब वो शांत सी हुई तो बोली.

डॉकटोर साहब मुझे छ्छोड़ दो. मैं नहीं सह पाऊँगी आपका लंड. मैने उसके हूंतों पैर अपने हूनत रखे और एक ज़बरदस्त क़िसस दिया जिस्मैईन उसके कठोर बूब्स बुरी तरह कुचल गाये थे. उसकी लंबी बहूं ने एक बार फिर मुझे लपेट लिया और उसकी तँगन भी मेरी टांगों से लिपट रही थी. जैसे ठीक से छुड़ने के लिए पॉसीटिओं ले रही हो. थोड़ी देर मैं जब मुझे लगा की वो दर्द भूल गई है तो अचानक मैने लंड को तोड़ा सा बाहर निकलते हुए एक भरपूर शॉट मारा. लंड का ये प्रहार इतना शक्तिसालि था की वो पस्त हो गई. एक और चीख के साथ एक हल्की सी आवाज़ के साथ उसका कौमार्या आज फट गया था, शादी के एक साल बाद वो भी एक दूसरे मरद से और इस प्रहार से उसका ओर्गास्म भी हो गया. उस'की छूट से रस धार बह निक'ली और बूरी तरह हांफ़ रही थी.


अब गोरी की छूट पूरी लासिली थी और मैं अभी तक नहीं झारा था. मैने ज़ोर डार धाक्कों के साथ उसे छोड़'ना शुरू किया. उस'की तिघ्ट छूट की दीवारों से रग़ाद ख़ाके मेरा लंड छ्हीला जा रहा था. लेकिन मैं रुका नहीं और उसे बूरी तरह छोड़'ता रहा. फिर मैने लंड उस'की छूट से खींच लिया और लंड एक आवाज़ के साथ बाहर आ गया मोटिओं सोड़ा वाटेर की बोट्थले खोली हो. फिर मैने उसे डोगग्य स्टयले में कर दिया और पीच्े से लंड उस'की छूट में डाल उसे छोड़'ने लगा. अब गोरी भी मस्ती में आ गयी और मुझे ज़ोर से छोड़'ने के लिए उक'साने लगी. छोड़ो मुझे. डॉकटोर साहब. फाड़ दो मेरी. डॉकटोर साहब. छ्छोड़ना मत मुझे. बुरी तरह. फाड़ दो मुझे. और ज़ोर से छोड़ दो मुझे. मैं दासी हूँ आपकी. आपकी सेवा करूँगी. रोज़ रात दिन आपके सामने बिल्कुल नंगी होकर रहूंगी. आपके लिए हमेशा तैयार रहूंगी. और जब जब आपका लंड चाहेगा तब तब छुड़वाने के लिए आपके बिस्तर पैर लेट जाऊंगी. पैर मुझे ख़ूब छोड़ो साहब. और ज़ोर से और तेज़ी से छोड़ो साहब. उस रात मैने गोरी को दो बार छोड़ा. दूसरे दिन दोपहर में ठाकुरैईं क्लिनिक में आ गयी मैने उसे बताया की चेक्क उप हो गया है और शाम तक छ्होटा सा ओपेरातिओं हो जाएगा और कल आप'की बहू आप'के घर चली जाएगी. ठाकुरैईं संतुस्ट होकर वापस हवेली चली गयी

आज रात गोरी ख़ुद उतावाली थी की कब रात हो. उसे भी पता था की कल उसे वापस हवेली चले जाना है और आज की रात ही बची है सच्चा मज़ा लूटने का. उसने आज मोटिओं मैने चाहा वैसे कर'ने दिया. एक दूसरे के अंगों को हम दोनों ख़ूब चूसे, प्यार किए सहलाए और जी भर के देखे. फिर मैने गोरी को तरह तरह से काई पोसे में छोड़ा. साथ में आने वाले दिनों में उसे अपने ससुराल में कैसे रह'ना है और क्या कर'ना है सब सम'झा दिया. दूसरे दिन राजन भी शहर से आ गया. मैने उसे समझा दिया की गोरी का ओपेरातिओं हो गया है डॉकटोर साहब गोरी अब मा बनेगी ना? हाँ पैर तुम जल्द बाज़ी मत कर'ना. अभी एक महीने तो गोरी से दूर ही रह'ना. और हाँ इसे बीच बीच में यहाँ चेक्क उप के लिए भेज'ते रह'ना. यह बहुत साव'धानी का काम है राजन ने कुच्छ आसमंजस से हाँ भारी. फिर वह गोरी को ले गया. गोरी मेरे प्लान के अनुसार बीच बीच में क्लिनिक में आती रही. मैं उसे शाम के वक़्त बुलाता जब गाँव के मरीज़ नहीं होते. रात 8 - 9 बजे तक उसे रख उसकी ख़ूब छुड़ाई कर'ता. गोरी भी ख़ूब मस्ती के साथ मुझ से छुड़'टी.


दो महीने बाद गोरी के ग़रभ तहर गया. मैने गोरी को समझा दिया की वह राजन से अब छुड़वाए. उसकी छूट को तो मेरे 10" के लंड ने पहले ही भोस'दा बना दिया था जहाँ अब राजन का लंड आराम से चला जाता. राजन भी बहुत ख़ुश था की डॉकटोर साहब के कारण ही अब वह अपनी बीवी को छोड़ पा रहा है गोरी पह'ले ही मेरी दीवानी बन चुकी थी. ठाकुरैईं को जब पता चला की गोरी के पान'व भारी हो गाये हैं तो उस'ने क्लिनिक में आ मेरा शुक्रिया अदा किया. में तो ख़ुश था ही और अब किसी दूसरी गोरी की उम्मेद में आप'ना क्लिनिक चला रहा हूँ.

Meri bahan 18 saal ki

By: Ajit

Baat un dino ki hai jab main 19 saal ka hua karta tha aur meri bahan 18 saal ki aur us age me bhi main kaafi hosiyaar tha choot aur land ke baare me kai ladkiyaan mere land...tale gujar chuki thi ek din subaah subaah main collage jaane ko taiyaar ho raha tha aur main jaise hi main apni choti bahan ke room me tai lene gaya tab dekha ki wo top pahan rahi thi aur neeche pink colour ki chaddi jo jaalidaar thi bahut pyaari lag rahi thi itna achha nazaara dekh kar main wahin darwaaze ki aad me ruk gaya aur usko taiyaar hote dekne laga usne top phna aur fir school ka skirt uthaaya aur pahanne lagi ab uski chaddi skirt se chup gayi aur wo poori taiyaar ho gayi tab main uske room me gaya aur tai dhoondne laga aur tai utaha kar jaanboojh kar is tarah palta ki sis se takra gaya takka seedhe uski choochi par padi thi aur wo bhi bahut jor se wo sambhal na paayi aur gir padi aur jab wo giri to uska chota sa skirt upar ho gaya uski pink chaddi ek baar fir se nazar aane lagi aur maine apna haath badaate hue use uthaaya aur sorry bola tab usne kaha koi baat nahi bhaiyaa aur fir hum log collage chale gye par mera dil uski gori...gori jaangon aur choti choti si choochiyon me ulajh gaya tha main poori taraah se disturb ho chuka tha aur poora man usko chodne ka bana chuka tha par samajh me nahi aa raha ytha ki kya jugat bhidaaun aakhir wo meri sagi bahan thi par iraada to kar hi chuka tha aur aakhir 2 din bad mauka mil hi gaya collage me strike pad gayi aur mummy nani ke wahaan 5 din ke liye papa ke saath chali gayi aur ab ghar me sirf main kaam waali baayi aur reena rh gye tab ek din kaam waali baayi nahi aayi thi aur reena baith kar bartan dho rahi thi wo ghar me frock phna karti thi aur abhi age bhi jyaada nahi thi to usko apne kapdo ka zara bhi khyaal nahi rhta tha par meri nazar to isi liye tarsa karti thi ki kab uski chaddi ka nazaara mile aur kab main apni aankhey sekoon aur is taraah se uski chaddi ek baar fir se nazar aa rahi thi aur is baar uski chikni jaanghon ke beech me black color ki

Panty bahut khoobsurat lag rahi thi aur fir bartan dhone ki wajha se uski frock bhi bheeg chuki thi jiske neechey wo kuch bhi nahi phne thi jisse uski choti...choti neemboo ki taraah ubhaar waali choochi saaf nazar aa rahi thi aur uske nippals bhi ubhre hue the tab hi bartan dhone ke baad wo nahaane chali gayi apne ghar me bathroom ke saath hi toilet attach tha so main bhi mauka dekh kar andar ghusne ki firaak me tha par darwaaza andar se band tha aur tab maine darwaaza khatkhataaya tab reena boli kya hua bhaiyya maine kaha reena darwaaza kholo mujhe bathroom lagi hai usne kaha abhi to main naha rahi hoon thoda ruk jaao par maine kaha nahi bahut jor ki lagi hai tab usne kaha abhi main poori nangi hoon zara ruk jaao saare badan par saabun laga hai abhi to towel bhi nahi
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Andar gaya tha aur reena itni jor se cheekhi thi ki agar papa mummy ghar pe hote to sartiyaa us din meri gaand fat jaati aur maine turant uske hoth apne hoth me le liye aur choochi ko dabaate hue ek dhakka aur maara aur fir se 2"land aur andar gaya ab to wo aaaahhh mar gayi aaaaahh mummybachaaoo bhaiyaaa pls chod dijiye mujhe aaahhh mar jaaungi main bahut dard kar raha hai aaaahhh aur tab hi maine ek dhakka aur maara aur uski bur ki jhilli ko faadta hua mera land uski aakhiri kinaare tak chala gaya ab to uski bur se khoon ki boondey girne lagi aur jab usne dekha to chillane lagi haaayyy bhaiyaa ye kya hua meri choot faad daali aapne ab kya hoga? Jaldi se dr ke paas lekar chaliye tabhi mujhe idea aaya aur maine apna land bahar nikaala mere land par khoon laga hua tha maine karaahte hue kaha saali naatak kar rahi khoon mere land se nikla hai aur dard tujhe ho raha hai mere land ko khoon se lathpath dekh kar reena apna dard bhool gayi aur fir mujhse boli ki bhaiyya ab ye land ka dard khatam kaiser hoga tab maine kaha ki abhi jaise mere land se tune bathroom me paani nikaala tha waise hi teri choot se bhi paani nikal kar mere land par padega tab iska dard kam hoga aur tab usne kaha achha ab aap apna land meri bur me fir se daal lijiye aur apna dard kam kijiye par maine natak karte hue kaha abhi fir se tu chillaygi aur royegi tab wo boli nahi bhai ab main nahi roungi tab maine apna land uski bur me fir se daal diya aur jam kar chudaayi karne laga kuch der baad usko bahut maza aane laga aur wo boli Aahhh bhai ab to mujhe bahut maza aa raha hai jaldi jaldi dhakke lagaaiye aur mujhe aisa lag raha hai ki meri bur se bhi kuch nikalne waala hai tab hi maine apni speed bada di aur wo jhad gayi dhodi der baad hi main bhi apne land ke ras ko uski choot me udel kar wahin uske upar gir gaya aur raat ko kareeb 3 baar maine usko kai angle se choda


Abbu and his three friends raped

From: ajit










My name is Reshma, I am 21 years old and now my marriage is not. At my house, I keep mum and Abbu college and I'll go. I am very sexy and hot, I was forbidden to leave the house without a Burka. When I go to college, then all the boys to see me Fbtian Ksate, some say - make your life! Says no - then pick up your two curtain!

Gand of my breasts and boys were crazy. I also knew that when I leave my qayamat Dati was Gand. Until then, I have not had sex Abbu Chudai seen many of the mammy, see Cut in the water comes from. Panti and I also keep my wet finger put their lives in the Cut.

College one day when we leave, then Mehmandari Abbu friend's place in the party were. 3 men to her house was her age 28, 34 and 24 would be. His woman had gone to the market shopping. Burka in the house when I removed the bathroom and then I felt urine Abbu friend. A bathroom, I closed the door and forgot to do Abbu's friend saw me pee.

I said - or अळ. Huh! You go away!

Where he was going to be a virgin when she saw the Cut! I stopped in and he began to which. I kept quiet so as not to know anything to go Abbu and mum was in the kitchen.

The man inside of me my shirt and sucking mangoes to putting my finger in the Cut Chodne thought. I was hot, did not understand anything. When he told his Lnd sucking out, Cut me out of the water and he drank my whole water Cut!

Or myself. ! I felt so good could not tell. When she put in long Lnd Cut me a virgin, I had to scream to me could not tolerate.

Abbu me scream it, 2 friends and their mum heard and soon came to the bathroom. Cut from a door open when I was bleeding and she had put in Cut my Lnd. I see this Mnjr Abbu bahut data aur dusre room me le kar chale gaye mujhe laga ki abbu mujhe marenge pur under ja ke abbu bole beta apne salwar nikal dekhu tujhe jaada chot to nahi aa ye hai na main jhijhak rahi thi ye dekh kar abbu khud he mera salwar nikal biye phir wo meri bur me ungli dal ke under bahar karne lage mujhe dard ho raha tha pur maza bhi aa raha tha main sisakane lagi ye dekh kar abbu apne speed aur bara diye mujhe yesa lag raha tha ki main haven me humain jor jor je siski le rahi thi ki abbu ruk gaye maine bola abbu pleace ruko mat to abbu bole tu itne me hi khus ho rahi hai main to tujhe asali maza dena chahata hu main kuch samaj nahi pa rahi thi ki abbu ki majhe ki baat kar rahe hai main khuch samajhte us ke phahale hi abbu mujhe bed pe leta diye aur mere boobs ko dabane lage ab mujhse raha nahi ja raha tha main abbu ke lund ko uper se hi daba rahi thikuch der bad abbu ne apna lund nikal ke mere mouth me dal diya aur under bahar karne lage mujhe saas lene me paresaani ho rahi thi pur maza bhe aa raha tha, ab mere bur khujala rahi thi main apne bur me ungli under bahar kar rahi thi, abbu ko ye samajhne me deer nahi lagi ki main garam ho gaye hu unhone apna lund mere gulabi bur pe rakha aur jor ka dhaka diya mere abbu ka lund unke dost se bhe mota tha mujhe jor se dard hua main cheekh pari pur abbu ruke nahi aur dhakampel karte rahe kuch der baad mai dard se behoos ho gaye aur jab hoos me aaye to apne aap ko khun se bhiga huya paye mujhse utha bhe nahi ja raha tha phir bhe main kisi tarah bathroom tak gaye meri bur fat gaye thi jab main bahar ya ye to abbu ka tesara dost khara mila main apne kapare thik karte huye aage bari to usne mera haat pakar liya aur bola janeman mujhe bhe to khuch do main rone lagi pur wo nahi mana maine minate ki ki main mar jawungi pur wo ek na suna aur mujhe chodane laga main sant pari rahi ab mujhe kuch hos he nahi ta yesa lag raha hi jaan he na ho pur wo haramjada meri ruh ko he nochata raha aur tab tak nochata raha jab tak ki usne apna pani mere bur me nahi udel diya.